दु:ख दर्द भरी शायरी
आज के समय में कोई भी ऐसा नहीं है जिसे दर्द न हो, दर्द का मतलब ये नहीं की उसे कहीं पर चोट लगी हुई है यहाँ पर दर्द का मतलब इंसान के अन्दर के दुख से है। हम जैसे-जैसे वड़े होते जाते हैं हमारी ज़िन्दगी में जो दर्द है बढ़ते ही जाते हैं और ये कभी कम होने का नाम तक नहीं लेते और जब दुख बहुत ज़्यादा होता है और सुनने वाले कोई नहीं तो ऐसे में हम हमारा जो दुख होता है उसे व्हाट्सएप्प पर कभी फ़ेसबुक पर तो कभी इंस्टाग्राम पर शेयर करते हैं। तो इस दर्द को इस दर्द को कम करने के लिए हम आपके लिए लेकर आये हैं दुख दर्द भरी शायरी जिसे पढ़कर आपको बहुत ही अच्छा लगेगा और ये दुख भरी शायरी हिन्दी में हम आपके सामने लायें हैं। आशा करते हैं आपको बहुत ही पसंद आयेगी। ये भी पढ़ें- विश्वास पर धोखा शायरी
दुख दर्द भरी शायरी |
मेरे दुख का अंदाजा तुम नहीं लगा सकते
मुझे मोहब्बत है और
मैं बेरोजगार भी हूँ
बात अगर जख्मों की है
तो हमे कांटे से नहीं फूल से मिले हैं
और हद से ज्यादा मिले हैं
शक तो था कि मोहब्बत में नुकसान होगा
पर सारा मेरा ही होगा ये मालूम न था
रिश्ते वही कामयाब होते हैं जो दोनों तरफ से निभाए जाते हैं
एक तरफ से सेक कर तो रोटी भी नहीं पकाई जा सकती
कौन कहता है जनाव झूठी कसमें खाने से मरते हैं
मेरे मेहबूब ने तो हर कसम मेरी झूठी खायी है
सात फेरों में कहां सिमटती हैं ये मोहब्बत की रिवायतें
तन को छूने वाले अक्सर मन को अनछुआ ही छोड़ देते हैं
जो सालों तक साथ रहे
उन्हें भी बिछड़ते देखा है
मैंने मोहब्बत को भी अपना रंग बदलते देखा है
औरत से कभी झूठ मत बोलो
क्योंकि वो आपसे तभी पूछती है जब सच उसे पता होता है
काश तुम लौट आओ
और गले लगाकर कहो
कि ख़ुश तो मैं भी नहीं हूँ तुम्हारे बिना
मोहब्बत वो चीज़ है जिसमें तीसरा आकर
दूसरे के साथ मिलकर पहले की जिंदगी तबाह कर देता है
दु:ख दर्द भरी शायरी |
बिस्तर पर लिपटने वाले तो बहुत से मिल जायेंगे
मजा तो तब है जब कोई भरे बाजार सीने से लगा ले
बरबाद करना था तो किसी और तरीके से करते
जिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली तुमने
कुछ दिन खामोश होकर देखो
लोग सच में भूल जायेंगे तुम्हें
फितरत में ही नहीं है हर किसी का हो जाना
वरना न प्यार की कमी थी न प्यार करने वालों की
अमीरी में क्या है जो फ़कीरी में नहीं
दुनिया मेरी नहीं तो दुनिया तेरी भी नहीं
कोई प्यार करने वाला मिल जाए
तो संभाल के रखना क्योंकि
परवाह करने वाले बार-बार नहीं मिलते
हकीकत कुछ और ही होती है
हर खामोश इंसान पागल नहीं होता
बेईमानी भी तो तेरे इश़्क ने सिखाई थी
तू ही तो पहली चीज है जो माँ से छुपाई थी
स्टेशन जैसी हो गयी है जिन्दगी
जहाँ लोग तो बहुत हैं पर अपना कोई नहीं
अकेले कैसे रहा जाता है
कुछ लोग यही सिखाने के लिए हमारी जिंदगी में आते हैं
दुख दर्द भरी शायरी हिन्दी में |
वो लड़का अंदर से टूट जाता है
जिसे लोग बेरोजगारी का ताना देते हैं
कुछ बातें बताने से नहीं
खुद पर बीत जाने से समझ आती हें
मैंने गिर के देखा है
ए खुदा तेरे सिवा कोई नहीं उठाता
बडी हसरत थी कोई हमें टूट कर चाहे
लेकिन हम ही टूट गए किसी को चाहते चाहते
ये रात भी अब बात नहीं करती मुझसे
कैसे बताऊँ किस कदर तन्हा हूँ मैं
मोहब्बत के बदले मोहब्बत देना
जनाब सब के बस की बात कहाँ
फैसला तेरा था लेकिन
दिल जो टूटा वो मेरा था
बारिश के बाद तार पर टंगी आखरी बूंद बताती है
कि अकेलापन क्या होता है
किसी ने कहा था तुम बहुत अच्छे हो
मैंने कहा यही तो खराबी है
यूँ तो बन्द कर दिये हमने सारे दरवाज़े इश्क के
पर तेरी याद है कि फिर भी दरारों से आ ही जाती है
दुख दर्द भरी शायरी हिन्दी में |
एहसासों के पांव नहीं होते
फिर भी दिल तक पहुंच ही जाते हैं
आसान है क्या सच्ची मोहब्बत भूल कर
किसी और का हो जाना
फिर तेरे बाद हमको कौन रोकता
जी भर के खुद को बर्बाद किया हमने
थोड़ा इन्तज़ार तो कर लेते
वक़्त ही तो ख़राब था
दिल थोड़ी
यूँ ही नहीं होती जनाज़ों में भीड़ साहब
हर शख्स अच्छा है बस चले जाने के बाद
लोग कहते हैं हम मुस्कुराते बहुत हैं
और हम थक गए दर्द छुापाते छुपाते
ये इश़्क का जुआ हम भी खेल चुके हैं साहब
रानी किसी और की हुई
और जोकर हम बन गए
इंतजार अक्सर वही अधूरे रह जाते हैं
जो बहुत शिद्दत से किए जाते हैं
किताबों की अहमियत अपनी जगह है जनाव
सबक वही याद रहता है जो वक्त और लोग सिखाते हैं
इस उम्मीद पर रोज़ चिराग़ जलाते हैं
आने वाले बरसों बाद भी आते हैं
जरूरत जिन्हें दिमाग की हो
उनको दिल कभी मत देना
तुम्हें ना पाने में ही झलकती है एहमियत तुम्हारी
तुम मिल जाती तो शायद ख़ास ना होती
मुझसे भी बेहतर मिलेगा तुमको कोई
पर मेरे जैसा प्यार करे इसकी उम्मीद मत करना
दुख दर्द भरी शायरी हिन्दी में |
समझदार इतने हैं कि उनका हर झूठ पकड़ लेते हैं
दीवाने इतने हैं कि फिर भी सच मान लेते हैं
सब बदल गए
अब अपना भी ह़क बनता है
एख चोट ऐसी मारी जिंदगी ने
वो आवारा लड़का भी समझदार हो गया
तुम मेरे बिना जी सकते हो तो
खुदा कसम मर मैं भी नहीं रहा
जिंदगी का सबसे बड़ा थप्पड़ भरोसा मारता है
ख़त्म हो गई ना मेरी जरूरत भी
मिल गया कोई मुझसे अच्छा शख़्स
किसी के लिए बदले हुए इंसान
किसी के लिए भी बदल सकते हैं
जनाब हम पैसे से ज़्यादा
बदलते चेहरों का हिसाब रखते हैं
हो सके तो समझना मुझे
वरना गलत समझकर भूल जाना
मैं बस खुद को अपना मानता हूँ
क्योंकि दुनिया कैसी है
अच्छी तरह जानता हूँ
अगर तुझे मेरा ख़्याल होता
तो आज मेरा ये हाल न होता
अपने ज़ख्मों को छुपाकर रखो
यहाँ लोग हाथ में नमक लिए घूमते हैं
जब कोई समझने वाला न हो
तो ख़ामोश रहना ही बेहतर होता है
सिर्फ दिखावे के लिए अच्छे होना
बुरे होने से भी बुरा
मौसम से सीखा है मैंने
बदलना भी जरूरी है
मोहब्बत सिर्फ शुरू होती है
कभी ख़त्म नहीं
पहले होती थी बातें ढेर सारी
अब तो कैसे हो से शुरू होकर
ठीक हूँ पर ख़त्म हो जाती हैं
अगर कोई अपना हो तो आईने जैसा हो
हँसे भी साथ और रोए भी साथ
ये दुनियां है जनाब
यहाँ खूबसूरत शक़्ल के लिए
साफ दिल वाले को छोड़ दिया जाता है
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन है
मगर टूटकर चाहना सिर्फ एक बार होता है
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है साथ
कुछ मजबुरियाँ मोहब्बत से ज़्यादा गहरी होती हैं
उसने जी भर के मुझे चाहा था
फिर उसका जी भर गया
तुम जिंदगी की वो कमी हो
जो जिंदगी भर रहेगी
मोहब्बत
भगवान कृष्ण की भी अधूरी ही थी
खैर हम तो फिर भी मामूली से इंसान हैं
मर्द के शब्द झूठे हो सकते हैं
लेकिन आँसू नहीं
हर शख़्स को आपकी जरूरत है अपनी जरूरत तक
कुछ ताल्लुक गहरे होने के बावजूद भी
अचानक ख़त्म हो जाते हैं
जिस क़दर जिसकी क़दर की
उस क़दर बेक़दर हुए हम
बात जब जरूरत की हो
तो सबकी ज़ूबान मीठी हो जाती है
और आखिर में आपका अच्छा होना
आपके ही मुँह पर मार दिया जाएगा
अब डर घाव से नहीं
लोगों के लगाव से लगता है
याद तो आते हो
पर मिलने का मन नहीं तुमसे अब
कुछ दर्द ऐसे मिले जिंदगी में
जिन्होंने जान भी ले ली
और जि़ंदी भी छोड़ दिया
जिनसे दूर नहीं रह पाते
अक्सर उन्हीं से दूरी बन जाती है
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो
तकलीफ देने वाला हमेशा दिल में ही रहता है
गरूर हो गया था तुम्हारी मोहब्बत का
अच्छा हुआ तुम्हीं ने दोड़ दिया
हर दर्द सबक देता है
और हर दर्द का सबक इंसान को बदल देता है
तमाशा तो सच का होता है
झूठ की तो तारीफ़ होती है
अब नफरत करूँ तुझसे
चल हट तू इस लायक भी नहीं
कोई सरकारी नोकरी वाला ले जाएगा उन्हें
हम प्यार करते रह जाएंगे
अरे प्यार कितना है वो छोड़ो
जाति एक ही है क्या, ये बताओ
जरूरत के समय ही सही याद कर लेना
हम बुरा नहीं मानेंगे
सच हो गई लोगों की बातें
वो बदल गया बंद हो गई मुलाकातें
कुछ इस तरह नाराज़ है वो हमसे
जैसे उसे किसी और ने मना लिया हो
मुझे मोहब्बत की तहज़ीब न सिखाओ
मैंने एक उम्र उसे दूर से देखकर चाहा है
मंजिल को खबर भी नहीं कि
सफर ने क्या क्या छीना है हमसे
मैंने तेरे बाद किसी के साथ जुड़कर नहीं देखा
मैंने तेरी राह तो देखी पर तुने मुड़कर नहीं देखा
अगर वक़्त बदलेगा नहीं
तो अपनों का पता कैसे चलेगा
सब्र करना दुनीयां के सामने रोने से बेहतर है
बहुत भीड़ थी लोगों की जिंदगी में
मतलब निकलता गया
मतलबी निकलते गए
परवाह करना छोड़ दो
सब अपनी औकात में आ जाएंगे
पहली मुलाकात आज भी याद है
उनको देर हो रही थी
फिर भी मेरा हाथ पकड़ रखा था
आज नहीं तो कल उसे भी ये एहसास हो जाएगा
कि नसीब वालों को मिलते हैं फिक्र करने वाले
सच तो हम बहुत पहले से जानते थे
बस देखना चाहते थे कि लोग
झूठ कहाँ तक बोल सकते हैं
हम किसी के लिए उस वक़्त तक खास हैं
जब तक उन्हें कोई दुसरा नहीं मिल जाता
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तो दोस्तों आप हमें बस ये बतायें की आपको ये दुख दर्द भरी शायरी कैसी लगी है, क्योंकि हमने काफी ज्यादा महनत करने के बाद ये शायरी लिखी हैं इसमें एक एक शायरी चुनिंदा है। तो यदी आपको ये शायरी अच्छी लगी हो तो Kuchkhastech.info पर फिर से आना बिल्कुल न भूलें।