लोग भूल जाते है शायरी (Top 100+ of 2023)

लोग भूल जाते है शायरी

नमस्कार दोस्तों, आज के समय में हमें बहुत से लोग मिलते हैं जिनके साथ में हम वक्त गुजारते हैं। और धीरे-धीरे यही लोग भूल जाते है शायरी की कभी हमने साथ में समय गुजारा था। और ऐसे ही लोगों को हम अपनी जिंदगी में दोबारा देखते हैं तो हमें एहसास होता है की सच में लोग कितनी जल्दी भूल जाते हैं। हमारे साथ भी जिंदगी में ऐसा कई बार हुआ है, इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं "लोग भूल जाते है शायरी" इसे पढकर आपको भी काफी अच्छा लगेगा। ये भी पढ़ें Heart Touching Breakup Shayari
लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

इँतजार करते करते एक और रात बीत जायेगी पता है तुम नहीं आओगे और ये तनहाई जीत जायेगी

तुमने कहा था हर शाम हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल गए हो या तुम्हारे यहां शाम नहीं होती?

जिनसे बातें खत्म नहीं होती थी उनसे बात ही खत्म हो गई

जो आपके बगैर खुश हों ते बस उन्हें खुश ही रहने दें

हर दर्द सबक देता है और हर सबक इंसान को बदल देता है

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

किसी का कत्ल करने पर सजा--मौत है लेकिन,

सजा क्या हो अगर दिल कोई किसी का तोड़ दे?

 

दिल तोड़ कर हमारा तुमको राहत भी  मिलेगी,

हमारे जैसी तुमको कहीं चाहत भी  मिलेगी,

यूँ इतनी बेरुखी  दिखलाइये हमें,

हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी  मिलेगी।


काश उससे चाहने का अरमान ना होता,

मैं होश में रहते हुए अनजान  होता,

ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,

या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता !


जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,

टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी,

सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,

मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।

 

इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,

काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।


जाने क्या मुझसे यह ज़माना चाहता है,

मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हंसाना चाहता है,

जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से,

हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।


आखरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूँ

लौट के फिर तेरी महफ़िल में नही आऊंगा |

अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर,

तेरी दुनियां से बहुत दूर चला जाऊंगा..!

 

तेरे वादों ने हमें घर से निकलने  दिया,

लोग मौसम का मज़ा ले गए बरसातों में,

अब  सूरज  सितारे  शम्मां  चांद,

अपने ज़ख्मों का उजाला है घनी रातों में।

 

टूटा दिल तो गम कैसा,

वो चल दिये तो सितम कैसा,

मन भरा यार बदले,

बेवफा हुए साफ,

तो फिर इश्क का भ्रम कैसा?

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लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

बड़ी शिद्दत से तोड़ा है मेरे दिल का हर कोना,

मुझे तो सच कहूँ उस के हुनर पे नाज़ होता है।

 

घायल करके मुझे उसने पूछा,

करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,

लहू-लहू था दिल मगर

होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।

 

वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए,

कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़ कर रोए,

मेरे सामने कर दिए… मेरी तस्वीर के टुकड़े,

पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़ कर रोए।

 

काश उसे चाहने का अरमान ना होता,

मैं होश में रहते हुए अनजान ना होता,

ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,

या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता।

 

तुम पूछो और मैं  बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं,

एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं।

 

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

ये हकीक़त है कि होता है असर बातों में,

तुम भी खुल जाओगे दो-चार मुलक़ातों में,

तुम से सदियों की वफाओं का कोई नाता  था,

तुम से मिलने की लकीरें थीं मेरे हाथों में।

 

जख्म तो हम भी अपने दिल में

तुमसे गहरे रखते हैं,

मगर हम जख्मों पे

मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं।

 

कांच का तोहफा  देना कभी किसी को,

रूठ के लोग तोड़ दिया करते हैं,

जो बहुत अच्छे हों उनसे प्यार मत करना,

अच्छे लोग ही दिल तोड़ दिया करते हैं।

 

इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,

तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है,

अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी,

अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है।

 

दर्द को दर्द अब होने लगा है।

दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।

अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा।

क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।

 अक्सर लोग भूल जाते है शायरी

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

लुटा चुका हूँ बहुत कुछ,

अपनी जिंदगी में यारो,

मेरे वो जज्बात तो ना लूटो,

जो लिखकर बयाँ करता हूँ।

 

जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते,

खत किसलिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते,

किस वास्ते लिखा है हथेली पे मेरा नाम,

मैं हर्फ़ गलत हूँ तो मिटा क्यों नहीं देते।

 

चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा,

मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा,

ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में,

बस किनारे पर बैठा पथर फेंकता रहा ।।

 

प्यार किया बदनाम हो गए,

चर्चे हमारे सरे-आम हो गए,

ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोड़ा,

जब हम उसके गुलाम हो गए।

 

बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में,

इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं,

अगर याद करना फितरत है आपकी,

तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं ।।

 Log Bhul Jate Hai Shayari

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद  कर,

बीते हुए लम्हों को अब तू याद  कर,

एक क़ैद परिंदे ने ये कह दिया हम से,

मैं भूल चुका हूँ उड़ना मुझे आजाद  कर।

 

दुनिया ये मुहब्बत को मुहब्बत नहीं देती,

इनाम तो बड़ी चीज है कीमत नहीं देती,

देने को मैं भी दे सकता हूँ गाली उसे,

मगर मेरी तहजीब मुझे इजाजत नहीं देती।

 

ज़िन्दगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,

ख़ुशी  मिले तो गम गले लगा लेना,

कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है,

तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।

 

वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।

वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।

कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।

क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।

 

किसी टूटे हुए दिल की आवाज मुझे कहिये,

तार जिसके सब टूटे हों वो साज़ मुझे कहिये,

 कुछ लोग भूल जाते है शायरी

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती |

पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,

हम पूछते की कौन हो तुम…?

और वो हँसकर खुदको हमारी जान बताती..!!\

 

लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं,

किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं,

दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गए अलविदा,

लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है।

 

मिटा दो नाम तक मेरा किताब--ज़िन्दगी से तुम,

मगर पल-पल रुलाएगी… सताएगी कमी मेरी।

 

जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।

हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।

मर गए हम मगर खुली रही आँखे।

क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।

 

कितना अजीब अपनी ज़िंदगी का सफर निकला.

सारे जहाँ का दर्द अपना मुक़द्दर निकला

जिसके नाम अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा कर दिया

अफसोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला !!

 

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

उसको क्या सज़ा दूं,

जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया,

गुनाह तो हमने किया,

जो उसकी बातो को मोहब्बत का रंग दे दिया।

 

दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।

आँखों से मोती निकलते रहेंगे।

तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।

हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।

 

खाली शीशे भी निशान रखते हैं,

टूटे हुए दिल भी अरमान रखते हैं,

जो ख़ामोशी से गुज़र जाये,

वह दरिया भी दिल में तूफ़ान रखते हैं।

 

ज़िंदगी से क्यूँ रूठ गए हो तुम,

इतने मायूस क्यूँ हो गए हो तुम,

जरूर तुम्हारा किसी ने दिल तोड़ा है,

जो इतने बेपरवाह हो गए हो तुम।

 

तुझसे बहुत कहा था कि मुझे अपना  बना,

अब दिल मेरा तोड़ कर मेरा तमाशा  बना।

 

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

दिल मेरा तोड़ा ऐसे वीरान भी  रहने दिया,

खुद खुदा हो गया मुझे इन्सान भी  रहने दिया।

 

अब  कोई हमें मोहब्बत का यकीन दिलाये,

हमें रूह में भी बसा कर निकाला है किसी ने।

 

जब लिख ही दिया है तूने मेरा नाम रेत पर,

मिटने का फिर मेरे तू तमाशा भी देख ले।

 

मुझे इन पत्थरों से खौफ  होता,

अगर शीशे का मेरा घर  होता,

यकीनन मैं भी खेलता इश्क़ की बाज़ी,

अगर दिल टूटने का डर  होता।

 

चलो मान लिया,

मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती,

लेकिन ज़रा ये तो बताओ,

तुम्हे दिल तोड़ना किसने सिखाया?

 

लोग भूल जाते है शायरी
लोग भूल जाते है शायरी

एक तुम मिल जाते बस इतना काफ़ी था,

सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।

 

एक ताल्लुक था सो आया हूँ खुदाया वरना,

कौन आता है तेरी महफ़िल में तमाशा बनने।

 

फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार टूट जाते हैं,

कब्र कितनी ही संवारो कोई ज़िंदा नहीं होता।

 

जरा सा बात करने का तरीका सीख लो तुम भी,

उधर तुम बात करते हो इधर दिल टूट जाता है।

 

दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे,

ऐसे माहौल में अब किसको पराया समझें।

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