Funny Engineering Jokes in Hindi
नमस्कार दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से मेरे लेख में स्वागत है, दोस्तों जैसे की आप सभी तो जानते ही है की में इंजीनियर हुं और इसलिए में हमेशा इंजीनियरिंग की मेम डालता ही रहता हुं तो आज फिर से ऐसी ही कुछ मेम में आपके सामने ले कर आया हुं और आशा करता हुं की आपको ये मेम पसंद आएगी. चलिए दोस्तों तो शुरू करते है.
जब में इंजीनियरिंग करने गया तो में भी यही सोचता था की मेने काम थोड़ी करना है कंपनी में मेने तो बस देखना है की कौन काम कर रहा है और कौन नहीं. पर जब इंजीनियरिंग खत्म हुंई तो पता चला की में किस गलतफैमी में जी रहा था और असलियत क्या है.
में सोचता था जब इंजीनियरिंग खत्म हो जाएगी तो मज़े से अच्छी सी गाड़ी रखूँगा काम पर जाने के लिए और मज़े से जिंदगी काटूंगा. पर जब इंजीनियरिंग खत्म हुंई तो पता चला की इस सैलरी को सेव करके एक साल में एक सेकंड हैंड स्कूटर ही आ सकता है और कुछ नहीं.
इंजीनियरिंग कर रहा हो या कर चुका हो हर कोई उनके बारे में अलग अलग सोच रखता है, घर वाले कुछ और सोचते है दोस्त कुछ और सोचते है और टीचर कुछ और पर असलियत तो कुछ और ही होती है जो की हम ही जानते है की हमारे ऊपर इस समय असल में क्या बीत रही है.
हमने सोचा होता है की हम बस कंपनी में जा कर डिज़ाइन चेक करेंगे और अगर कोई ग़लती हुंई तो उसे सुधारने के लिए भेज देंगे और असल में जो हुंआ वो सभी कुछ उल्टा ही हुंआ, डिज़ाइन तो दूर की बात पेन और पेपर तक हाथ में नहीं आता हाथ बस काले ही रहते है.
सोचा था जब इंजीनियरिंग हो जाएगी तो मज़े से सूट बूट बाँध कर कंपनी जाया करूँगा वहाँ मस्त सी एक कुर्सी होगी जिसपे जा कर आराम करूँगा, पर असल में जो हुंआ वो सभी कुछ उल्टा ही हुंआ सूट बूट तो दूर की बात है ढंग के कपड़े तक नहीं ले सकते है इस सैलरी से तो.
सोचा था मुझे डिज़ाइन ही चेक करने होंगे और कोई काम नहीं होगा, पर असल में जो हुंआ वो तो सच में कमाल ही हुंआ, पर चलो जो भी हुंआ सभी कुछ ठीक है भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है एक दिन तो में भी कुछ जिंदगी में कर के ज़रूर दिखाऊंगा.
जब में इंजीनियरिंग करने गया तो में भी यही सोचता था की मेने काम थोड़ी करना है कंपनी में मेने तो बस देखना है की कौन काम कर रहा है और कौन नहीं. पर जब इंजीनियरिंग खत्म हुंई तो पता चला की में किस गलतफैमी में जी रहा था और असलियत क्या है.
में सोचता था जब इंजीनियरिंग खत्म हो जाएगी तो मज़े से अच्छी सी गाड़ी रखूँगा काम पर जाने के लिए और मज़े से जिंदगी काटूंगा. पर जब इंजीनियरिंग खत्म हुंई तो पता चला की इस सैलरी को सेव करके एक साल में एक सेकंड हैंड स्कूटर ही आ सकता है और कुछ नहीं.
इंजीनियरिंग कर रहा हो या कर चुका हो हर कोई उनके बारे में अलग अलग सोच रखता है, घर वाले कुछ और सोचते है दोस्त कुछ और सोचते है और टीचर कुछ और पर असलियत तो कुछ और ही होती है जो की हम ही जानते है की हमारे ऊपर इस समय असल में क्या बीत रही है.
हमने सोचा होता है की हम बस कंपनी में जा कर डिज़ाइन चेक करेंगे और अगर कोई ग़लती हुंई तो उसे सुधारने के लिए भेज देंगे और असल में जो हुंआ वो सभी कुछ उल्टा ही हुंआ, डिज़ाइन तो दूर की बात पेन और पेपर तक हाथ में नहीं आता हाथ बस काले ही रहते है.
सोचा था जब इंजीनियरिंग हो जाएगी तो मज़े से सूट बूट बाँध कर कंपनी जाया करूँगा वहाँ मस्त सी एक कुर्सी होगी जिसपे जा कर आराम करूँगा, पर असल में जो हुंआ वो सभी कुछ उल्टा ही हुंआ सूट बूट तो दूर की बात है ढंग के कपड़े तक नहीं ले सकते है इस सैलरी से तो.
सोचा था मुझे डिज़ाइन ही चेक करने होंगे और कोई काम नहीं होगा, पर असल में जो हुंआ वो तो सच में कमाल ही हुंआ, पर चलो जो भी हुंआ सभी कुछ ठीक है भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है एक दिन तो में भी कुछ जिंदगी में कर के ज़रूर दिखाऊंगा.
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